Ek Soch - 29

Ēk Soch - 25

 शायरी की शुरुआत बचपन से,

 जो जूडे मुस्कुराहटो से।⌣

मुस्कुराहट तुम, दिल की आस हो तुम | 

जो ख्वाइश  मांगी उसकी हकीकत हो तुम | | 😍



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